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Monday, March 20, 2017

उसको-इसको प्यार सभी को

poem by Umesh chandra srivastava 

उसको-इसको प्यार सभी को ,
प्यारे जग के लोग करें। 
पर बतलाओ कौन सा जन है ,
जो इस जग का अधर धरे। 

अधर प्रेम का प्रस्फुटन है ,
यही चलता ,दृष्टि दे। 
अधरों का अधरामृत कितना ,
नर-तन को खूब भाता है। 

देखो अधर बिंदु पर कान्हा ,
मुरली धर कर टेर रहे। 
और उसी टेरो में राधा ,
सुध-बुध खोकर झूम रही। 

अधरों का बांकापन ऐसा ,
बड़े-बड़े आकर्षित हों। 
झूमें , रमें हैं इन अधरों पे ,
देखो शक्ति मुस्काती। 


उमेश चंद्र श्रीवास्तव -
poem by Umesh chandra srivastava 

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