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Saturday, December 17, 2016

पूरा जीवन है मधुशाला-1

पूरा जीवन है मधुशाला।
पी लो तुम प्यालों पर प्याला।
मंदिर-मस्जिद बैर नहीं है,
ना ही यहाँ पर कोई बवाला।

दुःख का कोई भान नहीं है ,
सुख में झूमे सब मतवाला।

रूप सुंदरी की आशक्ती  ,
नहीं यहाँ है ,केवल प्याला।
हाला जीवन ,प्याला जीवन ,
झूम रहा हर पीने वाला।
                                          पूरा जीवन है मधुशाला।

भाई-बहन पत्नी है घर में ,
नन्हा-मुन्ना भटके डग में।
'पापा को क्या पड़ी हुई है?'
रोज बने लगते मतवाला।
                                       पूरा जीवन है मधुशाला।...........




(शेष कल )

उमेश चंद्र श्रीवास्तव -

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