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Friday, June 24, 2016

मुक्तक


इस हृदय पटल के पट पर,
असीमविचार अगोचर |
चिति-माती का करो समन्वय,
बन जाओ आजार अमर तुम |
                         - उमेश श्रीवास्तव 


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